अगर आप अपने करियर को लेकर सीरियस हैं और एक हाई-पेइंग जॉब की तलाश में हैं, तो डेटा साइंस और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग दो बेहतरीन ऑप्शन हो सकते हैं। दोनों इंडस्ट्री तेजी से ग्रो कर रही हैं और शानदार करियर अपॉर्च्युनिटी दे रही हैं। लेकिन सवाल ये है कि कौन सा करियर ज्यादा फायदेमंद रहेगा?
हाल ही में हुए एक Data Science vs Investment Banking सर्वे में यह पता चला कि इन दोनों फील्ड्स में सैलरी, ग्रोथ और जॉब सैटिस्फेक्शन के मामले में क्या अंतर है। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट की डिटेल्स और यह भी कि आपके लिए कौन सा करियर बेस्ट रहेगा।
Data Science – भविष्य का सबसे तेजी से बढ़ता करियर
डेटा साइंस को 21वीं सदी का सबसे ज्यादा डिमांड वाला करियर माना जाता है। इसकी वजह यह है कि आज हर कंपनी अपने डेटा का सही इस्तेमाल करके स्मार्ट डिसीजन लेना चाहती है। डेटा साइंटिस्ट का काम बिजनेस के लिए वैल्यूबल इनसाइट्स निकालना होता है, जिससे कंपनियां ग्रोथ कर सकें।
डेटा साइंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, और स्टैटिस्टिक्स जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपको टेक्नोलॉजी, एनालिटिक्स और प्रॉब्लम-सॉल्विंग में दिलचस्पी है, तो यह फील्ड आपके लिए बेस्ट हो सकती है।
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Investment Banking – हाई सैलरी और ग्रोथ वाला करियर
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग एक ऐसा सेक्टर है जो फाइनेंस, बिजनेस और मार्केट से जुड़ा हुआ है। इन्वेस्टमेंट बैंकर्स का काम बड़ी कंपनियों को फंडिंग दिलाने, M&A (Merger & Acquisition) डील्स मैनेज करने और बिजनेस फाइनेंस से जुड़ी स्ट्रैटेजी बनाने का होता है।
इस सेक्टर में शुरुआती सैलरी ही काफी ज्यादा होती है और करियर ग्रोथ के साथ-साथ कमाई के बेहतरीन मौके मिलते हैं। हालांकि, यह फील्ड हाई-प्रेशर वाली होती है और इसमें काम के घंटे भी ज्यादा हो सकते हैं।
कौन सा करियर ज्यादा फायदेमंद है?
अब सवाल यह है कि इन दोनों में से कौन सा करियर ज्यादा फायदेमंद रहेगा। एक हालिया सर्वे के अनुसार, इन दोनों फील्ड्स को लेकर कई दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं।
- सैलरी कंपैरिजन
डेटा साइंटिस्ट की एवरेज सैलरी $100,000 (लगभग 80 लाख रुपये) के आसपास होती है, जबकि टॉप कंपनियों में यह $150,000 (लगभग 1.25 करोड़ रुपये) तक जा सकती है।
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में शुरुआती सैलरी $120,000 (लगभग 1 करोड़ रुपये) से शुरू होती है और 5-10 साल के अंदर यह करोड़ों में पहुंच सकती है, खासकर अगर आप टॉप लेवल तक पहुंचते हैं। - वर्क-लाइफ बैलेंस
डेटा साइंस में वर्क-लाइफ बैलेंस काफी बेहतर माना जाता है। काम के घंटे फ्लेक्सिबल होते हैं और कई बार रिमोट वर्क भी संभव होता है।
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में काम के घंटे काफी ज्यादा होते हैं, कई बार 70-80 घंटे प्रति सप्ताह भी काम करना पड़ता है, जिससे पर्सनल लाइफ मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। - जॉब सिक्योरिटी और फ्यूचर ग्रोथ
डेटा साइंस में ग्रोथ बहुत तेज है और आने वाले 10-15 सालों में इसकी डिमांड और बढ़ेगी। AI और मशीन लर्निंग के चलते इस फील्ड में नौकरियों की कोई कमी नहीं होगी।
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग हमेशा एक हाई-प्रेशर इंडस्ट्री रही है, लेकिन इसमें पैसा कमाने के मौके भी उतने ही ज्यादा हैं। हालांकि, मार्केट क्रैश या इकोनॉमिक स्लोडाउन के दौरान जॉब सिक्योरिटी थोड़ी अनस्टेबल हो सकती है।
कौन सा करियर चुनना चाहिए? Data Science vs Investment Banking
अगर आप टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिसिस में रुचि रखते हैं और एक बैलेंस्ड लाइफ जीना चाहते हैं, तो डेटा साइंस (Data Science) आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।
लेकिन अगर आपको फाइनेंस, बिजनेस डील्स और हाई-स्टेक्स एनवायरनमेंट में काम करने का शौक है और पैसे के लिए मेहनत करने से पीछे नहीं हटते, तो इन्वेस्टमेंट बैंकिंग (Investment Banking) आपके लिए सही चॉइस हो सकती है।
निष्कर्ष – कौन जीता डेटा साइंस vs इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की जंग?
अगर पैसा और करियर ग्रोथ आपकी प्राथमिकता है और आप हार्ड वर्क करने से पीछे नहीं हटते, तो इन्वेस्टमेंट बैंकिंग आपको ज्यादा रिटर्न दे सकता है।
अगर आप स्टेबल करियर, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में रुचि रखते हैं, तो डेटा साइंस आपके लिए बेहतर रहेगा।
आखिर में, सही चॉइस वही होगी जो आपके इंटरेस्ट, स्किल्स और लॉन्ग-टर्म करियर गोल्स से मेल खाती हो।